Thursday 2 February 2017

छोटे-मध्यम व्यापारियों को ख़त्म करना चाहती है केंद्र सरकार : आप

पटना, 2 फ़रवरी : केन्द्र सरकार का यह बजट उतना ही झूठा और नकली है जितना कि मोदी जी का 15-15 लाख रुपये देने का वादा. ग़रीब मजदूरकिसानों और आदिवासियों के उत्थान पर सोचने के लिए सरकार के पास मिनट भर का भी वक्त नहीं है. अगर ऐसा ही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब जनता संसद के बाहर की सड़कों पर केन्द्र सरकार के समानान्तर अपना बजट खुद पेश करेगी. उक्त बातें आम आदमी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी बबलू कुमार प्रकाश ने कहा.

उन्होंने कहा कि नोटबंदी से परेशानियों के समय में भी सब्र का परिचय देने वाले किसान-मजदूरछोटे और मध्यम व्यवसायी यह आस लगाए बैठे थे कि सरकार ने जो कालाधन वसूला है उसका कुछ-न-कुछ अंश आम जनता के बीच बँटेगा. पर सरकार ने बजट में सिर्फ़ झूठे आँकड़े और खोखले वादे पेश किए. 

उन्होंने कहा कि किसान बैंक कर्ज़ के दवाब में आत्महत्या कर रहे हैंपर सरकार ने उसमें रत्ती भर भी रहम नहीं दिखाई. फसल बीमा के नाम पर प्राइवेट कम्पनियों को लाभ पहुँचाने साजिश रची गई है. लम्बे अरसे से मनरेगा और अनुसूचित जातियों के लिए आवंटित पैसों में खुलकर लूट चल रही है जिसे रोकने के लिए सरकार कहीं से भी तत्पर नहीं दिखी. उल्टे उन फंडों को बढ़ाकर सरकार कागज़ी तालाबों की संख्या बढ़ाकर नेता-अफसरों की जेबें भरना चाहती है. 

सरकार छोटे एवं मध्यम दुकानदारों और व्यापारियों को ख़त्म करने की रणनीति पर आगे बढ़ रही हैऔर उन्हें अम्बानी-अडानी जैसे 10-15 उद्योगपतियों का फ्रेंचाईजी बनने के लिए बाध्य करना चाहती है ताकि उन सबके मेहनत के लाभ का अंश बैठे-बिठाए बड़े उद्योगपतियों को मिलता रहे.

भारतीय शिक्षा के धर्मनिरपेक्ष और वैश्विक चेहरे को मिटाने और नकली हिंदुत्व को थोपने के लिए सरकार एक-एक कर सारे शैक्षणिक संस्थाओं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हवाले करते जा रही है. रेलवे में सरकार के पास गिनाने के लिए कुछ भी सकारात्मक नहीं था. दिव्यांगों को खेलों में बढ़ावा देने वाली राशि में 99.75% की कटौती कर ली गई है.

राजनीतिक चंदे के मामले में सुधार का दिखावा किया जा रहा हैजबकि हाथ घुमाकर नाक छूने का विकल्प खुला छोड़ दिया गया है. हाँयह ज़रूर है कि इस मामले में सरकार ने 'लापरवाह चोरीकी जगह 'स्मार्ट चोरीके युग को प्रारम्भ कर दिया है. राजनीतिक दलों के चंदों को डिजिटलकैशलेस और ट्रांसपैरेंट करने की जगह सरकार शैक्षणिक रूप से पिछड़े ग़रीब मजदूर-किसान और आदिवासियों पर डिजिटल सिस्टम थोपकर उन्हें ठगने का नया रास्ता ईजाद कर रही है.                              
आदरसहित                                                                                     
बबलू कुमार प्रकाश,
प्रदेश मीडिया प्रभारी आप” बिहार
Mob. 9308305339

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