Tuesday 15 January 2019

अलोक वर्मा का पक्ष सुने बिना, उनको सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटाकर भाजपा ने नेच्युरल जस्टिस का हनन किया है : संजय सिंह

नई दिल्ली, 15 जनवरी।  मंगलवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आप राज्यसभा सांसद सिंह ने कहा कि अलोक वर्मा का पक्ष सुने बिना उनको सीबीआई डायरेक्टर के पड़ से हटाना नेच्युरल जस्टिस के खिलाफ है।  ऐसा लगता है जैसे की ये पूरी स्क्रिप्ट पहले से ही तैयार की गई थी।  सिलसिलेवार तरीके से देखें, तो पहली बात जो सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया उसको बहुत दिनों तक रिजर्व रखा गया।  फैसला आने पर उसमे कई लूप हॉल्स छोड़ दिए गए।  कहा गया कि सलेक्ट कमिटी इसपर फैसला लेगी।  सलेक्ट कमिटी में मुख्य न्यायाधीश की जगह जस्टिस सीकरी को रखा गया।  
उहोने कहा कि मैंने ऐसा सुना है कि भाजपा सरकार ने जस्टिस सीकरी को अपने हक़ में फैसला सुनाने के लिए विदेश में 4 साल की पोस्टिंग का प्रस्ताव दिया था।  मेरा ऐसा मानना है कि किसी भी रिटायर्ड जज को रिटायर्मेंट के बाद किसी भी पड़े पद पर पोस्टिंग नहीं दी जानी चाहिये।  ये सीधे सीधे न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला कृत्य है।  अरुण जेटली के एक बयान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा मेरा ही मानना नहीं है बल्कि अरुण जेटली जी ने भी कांग्रेस के समय में अपने एक बयान में यह कहा था।  अगर ऐसा हो रहा है तो ये बड़ी ही घम्भीर बार है।  यह इस देश की न्याय पालिका पर एक बड़ा संकट है।  
यह विचारणीय बात है कि अलोक वर्मा को आधी रात को आनन-फानन में उनके पद से क्यों हटाया गया ? ऐसी क्या मजबूरियां थी जिसके तहत मोदी जी ने आधी रात को ही सीबीआई दफ्तर पर कब्ज़ा करके अलोक वर्मा की सारी शक्तियां छीन लीं।  ये साफ़ साफ़ दर्शाता है कि राफेल की खरीद में बहुत बड़ा घोटाला किया गया है।  क्यूंकि मेने, प्रशांत भूषण और अरुण शौरी जी ने सीबीआई के दफ्तर में राफेल जांच के लिए याचिका दी थी।  और कही अलोक वर्मा जी उस पर कोई कार्यवाही न शुरू कर दें, कही मोदी जी की चोरी पकड़ी न जाए, शायद इसी डर से मोदी जी ने अपनी शक्तियों का दुरूपयोग करते हुए, सुप्रीम कोर्ट द्वारा अलोक वर्मा को दौबारा उनका पद देने की बावजूद, मीटिंग करके अगले ही दिन उनका तबादला दुसरे विभाग में कर दिया।  
अलोक वर्मा पर जो कार्यवाही की गई है, वो राफेल घोटाले की जाँच से बचने की मोदी जी की एक कोशिश है। 

 *जो चार्जशीट आरोपों के 90 दिन के अन्दर फ़ाइल होनी थी, वो लोकसभा चुनाव के 90 दिन पहले फ़ाइल हो रही है : संजय सिंह

कन्हैया कुमार के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा चार्जशीट दाखिल करने को संजय सिंह ने एक शाजिश बताया।  उन्होंने कहा की सबसे पहले तो ये बात ही बड़ी हास्यास्पद है की जो चार्जशीट आरोपों के 90 दिन के अन्दर फ़ाइल होनी थी, वो लोकसभा चुनाव के 90 दिन पहले फ़ाइल की जा रही है।  दिल्ली की पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि अपने आकाओं के हुक्म का इतना भी पालन मत करों तुम्हारी वर्दी पर दाग लग जाए।  
चार्जशीट पर सवाल उठाते हुए संजय सिंह ने कहा कि जेएनयू में हुई जिस घटना के आधार पर कन्हैया कुमार पर ये आरोप लगाया गया था, और जिसके सन्दर्भ में आज दिल्ल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है, उस घटना से जुड़े कितने साक्ष्य दिल्ली पुलिस प्रस्तुत कर पाई।  पिछले तीन वर्षों में बहुत सारी बातें इस प्रकरण पर कही गई।  गृह मंत्री ने कहा था की ये लोग हाफिज सहीद से जुड़े हुए लोग हैं।  क्या हाफिज शहीद से जुड़े होने का कोई सबूत आया इस चार्जशीट में?
यह चार्जशीट भाजपा कार्यालय से तैयार करके दी गई चार्जशीट है।  और इस पुरे प्रकरण में दिल्ली पुलिस की भूमिका शक के घेरे में हैं, तो पुलिस की किसी भी कार्यवाही पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

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