Monday 14 January 2019

हरियाणा में प्रति गाय रोजाना 40 पैसे दिया जाता है जबकि दिल्ली में रोजाना प्रति गाय 40 रुपये दिया जाता है : केजरीवाल

रोहतक। "मैं खट्टर सरकार से अनुरोध करता हूँ कि दिल्ली सरकार के नक्शे कदम पर चलते हुए वह भी प्रति गाय रोजाना कम से कम 40 रुपये देना शुरू करें। ताकि गायों का कुछ भला हो सके। यहां गौशालाओं में सारा सहयोग समाज की तरफ से, जनता की तरफ से होता है। सरकार की तरफ से ना के बराबर का सहयोग है।" रोहतक के गांव मोखरा स्थित श्रीकृष्ण गौशाला पहुंचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ये बातें कहीं।  उन्होंने ये भी कहा कि हिंदू समाज में गाय की बहुत मान्यता है। गायों की सेवा की बहुत मान्यता है। हमारे घर में पहली रोटी गाय के लिए निकलती है। गाय की सेवा करनी चाहिए। लेकिन गाय के नाम पर वोट मांगना ठीक नहीं है। गाय के नाम पर राजनीति ठीक नहीं है। भारतीय जनता पार्टी गायों के नाम पर वोट मांगती है।

मैं भारतीय जनता पार्टी से कहना चाहता हूँ कि गाय के नाम पर वोट मांगते हो, तो गाय के लिए चारे कम से कम चारे का तो इंतजाम कर दो। हरियाणा में प्रति गाय रोजाना 40 पैसे दिया जाता है जबकि दिल्ली में रोजाना प्रति गाय 40 रुपये दिया जाता है। 
केजरीवाल ने कहा, "मैं अपनों के बीच आया हूँ। मैं सिवानी में पैदा हुआ। हिसार में पढ़ा। इस पवित्र जगह पर बुलाकर आप सबने मुझे जो सम्मान दिया है उसके लिए बहुत आभारी हूँ।"

केजरीवाल ने कहा, " आम आदमी पार्टी आजादी की दूसरी लड़ाई है। आम आदमी पार्टी क्रांति का दूसरा नाम है। आम आदमी पार्टी आंदोलन का नाम है। आम आदमी पार्टी, अन्ना आंदोलन से निकली हुई है। हमें आजादी के दीवानों के अधूरी सपने को पूरा करना है।"  दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ये भी कहा, "आप सबने ये सुना होगा कि केजरीवाल ने दिल्ली में सरकारी स्कूलों का कायाकल्प कर दिया है। दिल्ली में अब सरकारी स्कूलों के नतीजे प्राइवेट से बेहतर आने लगे हैं। प्राइवेट स्कूलों से अपने बच्चों का नाम कटवाकर लोग सरकारी स्कूलों में एडमिशन करवा रहे हैं। हमने पिछले चार साल से प्राइवेट स्कूलों की नहीं बढ़ने दी। दिल्ली के अस्पतालों को शानदार कर दिया। लेकिन हमारा एक काम आप सबको पता नहीं होगा कि हमने दिल्ली की गौशालाएं भी ठीक कर दी हैं। दिल्ली की बवाना गौशाला को बेस्ट गौशाला का अवार्ड भी मिल चुका है। आप सब जब दिल्ली आओ तो हमारे स्कूल- अस्पताल के साथ-साथ हमारी गौशाला भी देखो।"

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