Monday, 23 August 2021

पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने की सरकारी राजस्व की चोरी, अपने चहेते बिल्डर को बेच दी चर्च की जमीन


‘जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का’ जी हाँ, सत्ता मिलते ही राज्यसभा सांसद, तत्कालीन पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस कहावत को चरितार्थ किया है। आपको याद होगा कि 2017 में सुशील मोदी ने एक ट्वीट करते हुए कहा था कि उत्कर्ष स्फटिक प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा पटना में बनाये जा रहे सुपर मार्केट से मेरा या मेरा परिवार का दूर- दूर तक कोई संबंध नही है। जबकि सच यह है कि बिहार की सत्ता में काबिज होते ही अपने व्यपारी मित्रों को खूब फायदा पहुंचाया और उत्कर्ष स्फटिक प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर सरकारी राजस्व का नुकसान पहुंचाया।

चौकिये नही, मैं, जो खबर बताने जा रहा हूँ। वो मामला थोड़ा अलग है। आपने सुना होगा कि पटना में कई नामी गिरामी बिल्डरों ने मध्यम वर्गीय परिवारों को सपनो का घर, जमीन और फ्लेट देने के नाम पर उनका पैसा लेकर भाग गए। उनके भागने की खबर भी मीडिया में प्रमुखता से छपी। लेकिन उत्कर्ष स्फटिक लिमिटेड के मामले में ऐसा नही है। इस मामले में इलेट्रॉनिक मीडिया ने पूरी तरह से चुप्पी साध ली, न किसी अखवार ने  खबर छापने की जहमत उठाई। क्योंकि इस मामले में सुशील मोदी के चहेते बिल्डर का नाम सामने आ रहा था।

कहानी यह है कि पटना के लोदीपुर रोड स्थित, 7.5 एकड़ के जमीन पर “The Residency-City Centre” नामक सुपर मार्केट बन रहा है। जिसपर Real Estate Regulatory Authority, Bihar RERA ने प्रोपर्टी की खरीद-बिक्री करने एवं रजिस्ट्रेशन व रजिस्ट्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यह सुपर मार्केट उत्कर्ष स्फटिक लिमिटेड और Ambuja Nootia के द्वारा बनाई जा रही है। 

उक्त 7.5 एकड़ जमीन का असली मालिक कौन है, उसकी लड़ाई पटना से लेकर दिल्ली तक के उच्च न्यायालयों में दर्जनों मुकदमा लंबित है।  पटना उच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण आदेश भी दिए हैं लेकिन उत्कर्ष स्फटिक लिमिटेड ने सत्ता में बैठे नेता और अधिकारियों के बल पर मॉल निर्माण का काम जारी रखा।

लंदन से आये दो विदेशी पटना में जमीन कैसे बेच सकते हैं..

आपको बता दें कि- जिस जमीन पर मॉल बन रही है। वो जमीन बैपटिस्ट चर्च ट्रस्ट एसोसियेशन (BCTA) की है। जिसे मिशनरी माफिया और गैर ईसाई के द्वारा 2008 में लंदन से आए  दो विदेशी David James Lacke और Jonathan Gil ने असित घोष एजेंट के माध्यम से उत्कर्ष स्फटिक लिमिटेड के निदेशक सदय कृष्ण कनोरिया के हाथों बेच दिया और बिहार सरकार तमाशा देखते रह गई। 

सुशील मोदी के शासन काल मे सरकारी राजस्व की चोरी..

पटना के लोदीपुर स्थित परिसर में सौ वर्ष पुराना एंगस शिक्षण संस्थान (Bed कॉलेज) चल रही थी। मिशन माफिया ने फेरा-फेमा अधिनियम का उल्लंघन करते हुए 2008 में उत्कर्ष स्फटिक लिमिटेड (जयपुर में निबंधित कंपनी) को महज पांच करोड़ में बेच डाला। जबकि उस वक़्त की सर्किल रेट के हिसाब से जमीन की कीमत 24.86 करोड़ थी। खुलमखुल्ला सरकारी राजस्व की चोरी की गई वो भी उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील मोदी के शासन काल मे।

बिहार सरकार के तत्कालीन राजस्व सचिव ने जताई थी चिंता..

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार के तत्कालीन प्रधान सचिव श्री सी० अशोकवर्धन ने लोदीपुर स्थित एंगस शिक्षण संस्थान परिसर के भू-अर्जन की अधियाचना मानव संसाधन विभाग की ओर से किए जाने के संबंध में, प्रधान सचिव, मानव संसाधन विकास विभाग, बिहार, पटना को पत्र लिखा था। 

उन्होंने पत्र में लिखा था कि एंगस शिक्षण संस्थान की भूमि पटना के केंद्र में स्थित है तथा इसकी सार्वजनिक उपादेयता निःसंदिग्ध है। निहित स्वार्थी से इसे बचाना भी परमावश्यक है। एंगस शिक्षण संस्थान लोदीपुर, पटना का एक बहुत पुराना एवं प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान रहा है। यह समीचीन प्रतीत होता है कि एक शैक्षणिक प्रतिष्ठान के रूप में इसकी गरिमा अक्षुण्ण रहे।

उन्होंने विद्वान महाधिवक्ता से उस वक़्त मंतव्य भी प्राप्त किया था। उक्त मंतव्य में महाधिवक्ता ने दो विकल्प दिए थे :-  (क) सरकार विचारगत भूमि को अर्जित करने पर विचार करे या (ख) निहित स्वार्थों से इस बहुमूल्य भूखण्ड को बचाने के लिए या स्थिति का साधारण सुनिश्चित करें चूँकि उपर्युक्त संस्थान शैक्षणिक है, अतः अनुरोध है कि इसके अर्जन की दिशा में अपने स्तर से निधि की व्यवस्था करते हुए जिला पदाधिकारी पटना को यथाशीघ्र अधियाचना प्रेषित करने की आग्रह किया था लेकिन अफसोस- तत्कालीन राजस्व विभाग के प्रधान सचिव के अनुशंसा के आलोक में  जिला प्रशासन पटना एवं मानव संसाधन विकास विभाग पटना ने दस वर्ष तक कोई कार्यवाही नही किया।

पुलिस के सहयोग से मिशन माफिया और बिल्डर ने दर्जनों इसाई परिवार के साथ की दादागिरी..

मिशनरी माफियाओं ने पटना में चर्च की जमीन का अबैध बिक्री और एग्रीमेंट करना 1989 से ही शुरू कर दिया था। 1995 में पटना स्थित बाकरगंज प्रासंगिक भूमि (प्लाट संख्या 886 एवं 261) पर ए.बी.एम. डेवलेपर्स के साथ अवैध  डेवलपमेंट एग्रीमेंट किया गया। जिसे काउज  ऑफ एक्शन दर्शाते हुए बेपटिस्ट यूनियन ऑफ नॉर्थ इंडिया ने सिविल सूट नंबर 416/1996 दिल्ली हाईकोर्ट में दायर किया जिसमें अदालत ने उत्तर भारत के 21 बैपटिस्ट परिसंपत्तियों की बिक्री, लीज, एग्रीमेंट और एलिनियेशन पर रोक लगा दी।

ए.बी.एम डेवलेपर्स बिल्डर ने भी तथ्य छिपाकर निचली अदालत से दखलदहानी का आदेश प्राप्त कर लिया। रजिस्ट्रार कम्पनी की जांच रिपोर्ट पर अमल करने के बदले प्रशासन ने बिल्डर को भारी पुलिसबल भी मुहैया कर दिया। पटना हाईकोर्ट के उक्त आदेश और सूट नं. 416/96 में दिल्ली हाईकोर्ट के स्थगन आदेश को तरजीह नहीं देकर सिविल कोर्ट पटना के दखलदहानी आदेश के सामने प्रशासन नतमस्तक रहा। सिविल कोर्ट के स्टेटस को आदेश को भी नहीं माना गया। दखलदहानी कराने आए तत्कालीन डीएसपी कैलाश प्रसाद तो दूसरे पक्ष से इतने प्रभावित थे कि उन्होंने सपाट उत्तर दिया कि दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश बिहार में मान्य नहीं है। ऐसा लिखित मांगने पर बिदक कर वे चर्च कंपाउंड में रह रहे ईसाईयों को धमकाने लगे थे।

कंपनी रजिस्टर की जांच रिपोर्ट पर 9 सालों से कुंडली मारकर बैठा है, बिहार सरकार..

पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर कंपनी रजिस्ट्रार (उ. क्षेत्र) ने पूरे मामले का जांच किया और पत्रांक ROC/24261 दिनांक 15/01/2013 के द्वारा जांच रिपोर्ट मुख्य सचिव, बिहार सरकार पटना (प्रतिलिपी जिला अधिकारी, पटना) को समुचित कार्यवाई के लिए भेजा। आश्चर्य है कि उक्त जांच रिपोर्ट पर आजतक समुचित कार्यवाही नही की गई। इसके उलट बी.सी.टी.ए से अवैध-अनधिकृत मिशन भूमि माफिया, बिल्डर, प्रशासन व पटना पुलिस के गठजोड़ से बाकरगंज स्तिथ मिशन चर्च परिसर में बसे डेढ़ दर्जन ईसाई परिवार को उनके घर से 19 दिसम्बर 2015 को बेदखल कर दिया गया।

ईसाई नेता व वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र कमल पर भूमि माफियाओं ने चलवा दी थी गोली..

इस कुकृत्य का विरोध करने वाले लोगों का नेतृत्व करने वाले 75 वर्षीय समाजसेवी पत्रकार स्व० राजेंद्र कमल पर 2010 में दिनदहाड़े गोलियां चलवाई गईं थी। वे बुरी तरह जख्मी हुए थे बड़ी मुश्किल से उनकी जान बची थी। राजनेताओं के दबाव पर इस गोलीकांड की भी पुलिस ने लीपापोती कर दी गई। 


बबलू प्रकाश

प्रदेश प्रवक्ता, आम आदमी पार्टी, बिहार

Tuesday, 15 January 2019

आम आदमी पार्टी आजादी की दूसरी लड़ाई है : केजरीवाल

हिसार। "आम आदमी पार्टी आजादी की दूसरी लड़ाई है। आम आदमी पार्टी क्रांति का दूसरा नाम है। आम आदमी पार्टी आंदोलन का नाम है। आम आदमी पार्टी, अन्ना आंदोलन से निकली हुई है। अन्ना आंदोलन में हमने लाठियां खाई हैं। हम जेल गये। हमें मजबूरी में पार्टी बनानी पड़ी। हमें राजनीति करनी नहीं आती। आजादी के दीवानों के अधूरी सपने को पूरा करना है।" हांसी के श्री गौशाला साला डेरी डाटा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ये बात कही। 
केजरीवाल ने ये भी कहा कि जो देश, जो समाज, अपने शहीदों की शहादत का सम्मान नहीं करता, वो कभी तरक्की नहीं कर सकता।

उन्होंने कहा, "मैं बहुत छोटा सा व्यक्ति हूँ। आज से पांच साल पहले मुझे कोई नहीं जानता था। मुख्यमंत्री बनने से पहले जब मैं देखता था कि कोई खिलाड़ी क्रिकेट मैच जीत कर आता था तो उसे कोई 1 करोड़ कर इनाम देता था, कोई 5 करोड़ का इनाम देता था। परन्तु बड़ा ही दुःख होता था, जब हमारा कोई जवान शहीद होता था तो कोई उसके परिवार को पैसा देना तो दूर की बात, सांत्वना देने भी नहीं आता था। मैंने शहीदों के परिवारों को रोते हुए देखा है। उस समय हम सोचते थे कि अगर भगवान की कृपा हुई और हमारी कभी चली तो सबसे पहले शहीदों के सम्मान में 1 करोड़ रुपये देंगे।

केजरीवाल ने कहा कि 14 फरवरी, 2015 को दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी और 24 फरवरी को हमने ये योजना लागू कर दी कि आज के बाद अगर कोई दिल्ली का रहने वाला सैनिक बॉर्डर पर शहीद होता है, दिल्ली पुलिस का सिपाही अपनी ड्यूटी करते हुए शहीद होता है या दिल्ली फायर सर्विस का कोई सिपाही लोगों की जान बचाते हुए शहीद होता है तो दिल्ली सरकार उसके परिवार को 1 करोड़ रुपये की सम्मान राशि प्रदान करेगी। सरकार बनने के केवल 10 दिन के अन्दर हमने देश पर शहीद होने वाले अपने सिपाहियों के लिए कानून बना दिया और पहला सम्मान हमने दिल्ली पुलिस के एक कर्मचारी के परिवार को दिया था।

केजरीवाल ने कहा, "आप सभी जानते हैं कि दिल्ली में सरकार चलाना हमारे लिए कितना मुश्किल हो रहा है। केंद्र सरकार हमारे हर काम में रोड़ा अटका रही है। लेकिन मोदी जी ने सबसे खराब काम शहीदों के सम्मान में उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये दिए जाने वाली स्कीम पर रोक लगाकर किया। इन अड़चनों से परेशान होकर हमें सुप्रीम कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। सुप्रीम कोर्ट से हमें अनुमति मिली, तब जाकर हम शहीदों के परिवार को 1 करोड़ रुपये की सम्मान राशि देने की स्कीम को दोबारा लागू कर सके।"

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि जब मैंने ये स्कीम शुरू की थी तब बीजेपी-कांग्रेस वालों ने इसका बहुत विरोध किया। बीजेपी-कांग्रेस वाले बोल रहे थे कि केजरीवाल पैसे बर्बाद कर रहा है। हमने अब तक 20 शहीदों के परिवारों 1-1 करोड़ रुपये की सम्मान राशि दी है। दिल्ली सरकार अपने शहीदों के सम्मान में 20 करोड़ रुपये खर्च करके गरीब नहीं हो गई।



अलोक वर्मा का पक्ष सुने बिना, उनको सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटाकर भाजपा ने नेच्युरल जस्टिस का हनन किया है : संजय सिंह

नई दिल्ली, 15 जनवरी।  मंगलवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आप राज्यसभा सांसद सिंह ने कहा कि अलोक वर्मा का पक्ष सुने बिना उनको सीबीआई डायरेक्टर के पड़ से हटाना नेच्युरल जस्टिस के खिलाफ है।  ऐसा लगता है जैसे की ये पूरी स्क्रिप्ट पहले से ही तैयार की गई थी।  सिलसिलेवार तरीके से देखें, तो पहली बात जो सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया उसको बहुत दिनों तक रिजर्व रखा गया।  फैसला आने पर उसमे कई लूप हॉल्स छोड़ दिए गए।  कहा गया कि सलेक्ट कमिटी इसपर फैसला लेगी।  सलेक्ट कमिटी में मुख्य न्यायाधीश की जगह जस्टिस सीकरी को रखा गया।  
उहोने कहा कि मैंने ऐसा सुना है कि भाजपा सरकार ने जस्टिस सीकरी को अपने हक़ में फैसला सुनाने के लिए विदेश में 4 साल की पोस्टिंग का प्रस्ताव दिया था।  मेरा ऐसा मानना है कि किसी भी रिटायर्ड जज को रिटायर्मेंट के बाद किसी भी पड़े पद पर पोस्टिंग नहीं दी जानी चाहिये।  ये सीधे सीधे न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला कृत्य है।  अरुण जेटली के एक बयान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा मेरा ही मानना नहीं है बल्कि अरुण जेटली जी ने भी कांग्रेस के समय में अपने एक बयान में यह कहा था।  अगर ऐसा हो रहा है तो ये बड़ी ही घम्भीर बार है।  यह इस देश की न्याय पालिका पर एक बड़ा संकट है।  
यह विचारणीय बात है कि अलोक वर्मा को आधी रात को आनन-फानन में उनके पद से क्यों हटाया गया ? ऐसी क्या मजबूरियां थी जिसके तहत मोदी जी ने आधी रात को ही सीबीआई दफ्तर पर कब्ज़ा करके अलोक वर्मा की सारी शक्तियां छीन लीं।  ये साफ़ साफ़ दर्शाता है कि राफेल की खरीद में बहुत बड़ा घोटाला किया गया है।  क्यूंकि मेने, प्रशांत भूषण और अरुण शौरी जी ने सीबीआई के दफ्तर में राफेल जांच के लिए याचिका दी थी।  और कही अलोक वर्मा जी उस पर कोई कार्यवाही न शुरू कर दें, कही मोदी जी की चोरी पकड़ी न जाए, शायद इसी डर से मोदी जी ने अपनी शक्तियों का दुरूपयोग करते हुए, सुप्रीम कोर्ट द्वारा अलोक वर्मा को दौबारा उनका पद देने की बावजूद, मीटिंग करके अगले ही दिन उनका तबादला दुसरे विभाग में कर दिया।  
अलोक वर्मा पर जो कार्यवाही की गई है, वो राफेल घोटाले की जाँच से बचने की मोदी जी की एक कोशिश है। 

 *जो चार्जशीट आरोपों के 90 दिन के अन्दर फ़ाइल होनी थी, वो लोकसभा चुनाव के 90 दिन पहले फ़ाइल हो रही है : संजय सिंह

कन्हैया कुमार के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा चार्जशीट दाखिल करने को संजय सिंह ने एक शाजिश बताया।  उन्होंने कहा की सबसे पहले तो ये बात ही बड़ी हास्यास्पद है की जो चार्जशीट आरोपों के 90 दिन के अन्दर फ़ाइल होनी थी, वो लोकसभा चुनाव के 90 दिन पहले फ़ाइल की जा रही है।  दिल्ली की पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि अपने आकाओं के हुक्म का इतना भी पालन मत करों तुम्हारी वर्दी पर दाग लग जाए।  
चार्जशीट पर सवाल उठाते हुए संजय सिंह ने कहा कि जेएनयू में हुई जिस घटना के आधार पर कन्हैया कुमार पर ये आरोप लगाया गया था, और जिसके सन्दर्भ में आज दिल्ल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है, उस घटना से जुड़े कितने साक्ष्य दिल्ली पुलिस प्रस्तुत कर पाई।  पिछले तीन वर्षों में बहुत सारी बातें इस प्रकरण पर कही गई।  गृह मंत्री ने कहा था की ये लोग हाफिज सहीद से जुड़े हुए लोग हैं।  क्या हाफिज शहीद से जुड़े होने का कोई सबूत आया इस चार्जशीट में?
यह चार्जशीट भाजपा कार्यालय से तैयार करके दी गई चार्जशीट है।  और इस पुरे प्रकरण में दिल्ली पुलिस की भूमिका शक के घेरे में हैं, तो पुलिस की किसी भी कार्यवाही पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

काशी कोरिडोर के नाम पर कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुँचाने के लिए हिन्दुओं की आस्था से खिलवाड़ कर रही है भाजपा : संजय सिंह

भाजपा काशी कोरिडोर के नाम पर धर्म नगरी कशी को उजाड़ने का काम कर रही है।  भाजपा ने काशी में बना गणेश मंदिर, शिव मंदिर, राधा-कृष्ण मंदिर और अन्य कई सैकड़ों प्राचीन मंदिरों के साथ-साथ पांच हज़ार साल पुराना भारत माता मंदिर भी तुड़वाया।  हिंदुत्व के नाम पर जनता से वोट मांगने वाली भाजपा हिन्दुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है। केन्द्रीय संस्कृति मंत्री ने देश की जनता से बोला झूठ, कहा कोई मंदिर नहीं तोड़े गए हैं।  चुनाव से पहले मोदी जी ने कहा था कि मुझे गंगा माँ ने बुलाया है, और अब जब काशी में हिन्दुओं के मंदिरों को तोडा जा रहा है तो मोदी जी के मूंह से एक शब्द नहीं निकल रहा है। 
नई दिल्ली, 15 जनवररी।  मंगलवार, एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए आप राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि काशी जो धर्म की नगरी के तौर पर जानी जाती है, भाजपा उसे नष्ट करने का काम कर रही है।  काशी कोरिडोर और विकास के नाम पर भाजपा काशी की पहचान को मिटाने में लगी हुई है।  हजारों साल पुराने शिव मंदिर, गणेश मंदिर, राधा कृष्ण और अन्य सैकड़ों मंदिर भाजपा ने काशी के अंदर तोड़ दिए हैं।  
संजय सिंह ने कहा की स्थानीय जनता भाजपा द्वारा चलाए जा रहे इस मंदिर तोड़ो अभियान का पुरजोर विरोध कर रही है।  एक सांसद होने के नाते, जनता की आवाज़ को सड़क और संसद में उठाना मेरा कर्तव्य है।  इसी के मद्देनजर मैंने प्रधानमंत्री जी को, उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ जी को पत्र लिखकर मंदिर तोड़ने की कार्यवाही रोकने का अनुरोध किया।  केवल मैंने ही नहीं बल्कि काशी के कई बड़े बड़े महंतो, आचार्यों और वहां के कई स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन को पत्र लिखकर इस कार्यवाही को रोकने की प्रार्थना की है।  यह बड़े ही दुःख की बात है कि केवल कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुचाने के लिए, भाजपा काशी और देश के 100 करोड़ हिन्दुओं की भावनाओं को ताक पर रखकर लगातार मंदिरों को तुडवाने का काम कर रही है।  
मैंने इन मंदिरों को तोड़ने के विरोध में और तोड़े गए मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए 2 दिन की एक यात्रा निकाली थी।  मैंने जिस जिस जनपद से यात्रा निकाली थी, वहां के प्रशासन को पहले से ही सुचित किया था।  मैंने अयोध्या प्रशासन को, सुल्तानपुर प्रशासन को, जोनपुर प्रशासन को और वाराणसी प्रशासन को भी इसकी सूचना दी।  यह बड़े ही दुःख की बात है कि हमारी इस मांग पर सुनवाई करने और मंदिरों को तोड़ने की कार्यवाही को रुकवाने की बजाए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मेरे, और मेरे 6 साथियों के खिलाफ नामजद तथा 200-250 अज्ञात लोगो के खिलाफ एफ़आईआर दिर्ज़ करा दी।  
संजय सिंह ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश प्रशासन ने एक सप्ताह के अन्दर इस फर्जी मुक़दमे को वापस नहीं लिया, और मंदिरों को तुडवाने का काम नहीं रोका, और टूटे हुए मंदिरों के पुनर्निर्माण का काम शुरू नहीं किया तो 23 जनवरी 2019, शुभाष चन्द्र बोस की जयंती वाले दिन मै अपने उन सभी 200-250 साथियों के साथ गाँधी प्रतिमा के पास अयोध्या में धरना प्रदर्शन करूँगा।  योगी जी में हिम्मत है तो हमें गिरफ्तार करके जेल में डाले, ये बंदर घुडकी देना बंद करे, हम इस एफ़आईआर से डरने वाले नहीं हैं।  
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घैरते हुए संजय सिंह ने कहा कि मोदी जी वाराणसी से सांसद हैं।  जब मोदी जी ने चुनाव लड़ा था तो बड़े शान से कहा था कि मुझे गंगा माँ ने बुलाया है।  बड़े ही शर्म की बात है, आज जब भाजपा द्वारा ही काशी में मंदिरों को तोडा जा रहा है तो प्रधानमंत्री जी के मूंह से एक शब्द नहीं निकल रहा।  ये लोग ढोंगी हैं, इनको धर्म से, हिन्दुओं से कुछ लेना देना नहीं है।  ये केवल और केवल वोट की राजनीती करते हैं।  वोट के लिए ये मंदिर को भी तुडवा सकते हैं और मस्जिद को भी तुडवा सकते हैं। अगर मंदिरों को तोड़ने की कार्यवाही नहीं रोकी गई तो फरवरी माह में पुरे उत्तर प्रदेश में एक यात्रा के माध्यम से भाजपा के अधर्मी चेहरे को जनता के सामने बेनकाब करूँगा।

पुतला दहन के कार्यक्रम में शामिल होंगे 'आप' के प्रदेश अध्यक्ष।

पटना। मुजफ्फरपुर रेप कांड के विरोध में बृजेश ठाकुर, नीतीश कुमार, सुशील मोदी का पुतला दहन और विरोध पर्दशन करेगी।
मीडिया प्रभारी बबलू प्रकाश ने बताया, कल 16 जनवरी को मुजफ्फरपुर के कल्याणी चौक पर, बालिका गृह की शर्मनाक घटना पर 'आम आदमी पार्टी, की तरफ से बृजेश ठाकुर, नीतीश कुमार, सुशील मोदी का पुतला दहन और विरोध पर्दशन किया जायेगा। प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी, बिहार, के प्रदेश अध्यक्ष शत्रुध्न साहू भी अपने दलबल के साथ शामिल होंगे।

प्रदेश अध्यक्ष शत्रुघ्न साहू ने कहा है कि, मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम कांड पर CBI द्वारा फाइल की गई स्टेटस रिपोर्ट देखकर, माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी इसे " बेहद डरावना और भयावह बताया ओर साथ ही सूबे की सरकार से सवाल भी पूछा और कहा,  बिहार सरकार कर क्या रही है ? साहू ने कहा, मुजफ्फरपुर बालिका गृह की घटना से पूरा बिहार कलंकित हुआ है। उन्होंने कहा, दोषियों को जबतक सजा नही मिल जाती, तबतक आम आदमी पार्टी, के कार्यकर्ता चैन से नही बैठेगा।

Monday, 14 January 2019

हरियाणा में प्रति गाय रोजाना 40 पैसे दिया जाता है जबकि दिल्ली में रोजाना प्रति गाय 40 रुपये दिया जाता है : केजरीवाल

रोहतक। "मैं खट्टर सरकार से अनुरोध करता हूँ कि दिल्ली सरकार के नक्शे कदम पर चलते हुए वह भी प्रति गाय रोजाना कम से कम 40 रुपये देना शुरू करें। ताकि गायों का कुछ भला हो सके। यहां गौशालाओं में सारा सहयोग समाज की तरफ से, जनता की तरफ से होता है। सरकार की तरफ से ना के बराबर का सहयोग है।" रोहतक के गांव मोखरा स्थित श्रीकृष्ण गौशाला पहुंचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ये बातें कहीं।  उन्होंने ये भी कहा कि हिंदू समाज में गाय की बहुत मान्यता है। गायों की सेवा की बहुत मान्यता है। हमारे घर में पहली रोटी गाय के लिए निकलती है। गाय की सेवा करनी चाहिए। लेकिन गाय के नाम पर वोट मांगना ठीक नहीं है। गाय के नाम पर राजनीति ठीक नहीं है। भारतीय जनता पार्टी गायों के नाम पर वोट मांगती है।

मैं भारतीय जनता पार्टी से कहना चाहता हूँ कि गाय के नाम पर वोट मांगते हो, तो गाय के लिए चारे कम से कम चारे का तो इंतजाम कर दो। हरियाणा में प्रति गाय रोजाना 40 पैसे दिया जाता है जबकि दिल्ली में रोजाना प्रति गाय 40 रुपये दिया जाता है। 
केजरीवाल ने कहा, "मैं अपनों के बीच आया हूँ। मैं सिवानी में पैदा हुआ। हिसार में पढ़ा। इस पवित्र जगह पर बुलाकर आप सबने मुझे जो सम्मान दिया है उसके लिए बहुत आभारी हूँ।"

केजरीवाल ने कहा, " आम आदमी पार्टी आजादी की दूसरी लड़ाई है। आम आदमी पार्टी क्रांति का दूसरा नाम है। आम आदमी पार्टी आंदोलन का नाम है। आम आदमी पार्टी, अन्ना आंदोलन से निकली हुई है। हमें आजादी के दीवानों के अधूरी सपने को पूरा करना है।"  दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ये भी कहा, "आप सबने ये सुना होगा कि केजरीवाल ने दिल्ली में सरकारी स्कूलों का कायाकल्प कर दिया है। दिल्ली में अब सरकारी स्कूलों के नतीजे प्राइवेट से बेहतर आने लगे हैं। प्राइवेट स्कूलों से अपने बच्चों का नाम कटवाकर लोग सरकारी स्कूलों में एडमिशन करवा रहे हैं। हमने पिछले चार साल से प्राइवेट स्कूलों की नहीं बढ़ने दी। दिल्ली के अस्पतालों को शानदार कर दिया। लेकिन हमारा एक काम आप सबको पता नहीं होगा कि हमने दिल्ली की गौशालाएं भी ठीक कर दी हैं। दिल्ली की बवाना गौशाला को बेस्ट गौशाला का अवार्ड भी मिल चुका है। आप सब जब दिल्ली आओ तो हमारे स्कूल- अस्पताल के साथ-साथ हमारी गौशाला भी देखो।"

गाय के नाम पर वोट मांगने वाले गाय के लिए चारे का भी इंतजाम करें : केजरीवाल

सोनीपत। "मैं भाजपा वालों से, खट्टर साहब से, मोदी जी से अपील करता हूँ कि गाय के नाम पर वोट मांगते हो तो गाय के लिए चारे का भी इंतजाम कर दो। हरियाणा में प्रति गाय रोजाना 40 पैसे दिया जाता है जबकि दिल्ली में रोजाना प्रति गाय 40 रुपये दिया जाता है।" दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अठगामा गौशाला, सैदपुर, सोनीपत में कही। उन्होंने कहा कि हम गाय के नाम पर राजनीति नहीं करते। गाय के नाम पर वोट नहीं मांगते। गाय की सेवा करते हैं। मेरा मानना है कि गाय के नाम पर राजनीति नहीं होनी चाहिये। गाय के नाम पर वोट नहीं मांगा जाना चाहिए। गाय की सेवा करनी चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि वह अपनी एक महीने की सैलरी इस गौशाला को दान में देंगे। इसके अलावा अपने दोस्तों से भी इस गौशाला में दान करने को कहेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि आप सभी मिलकर हरियाणा में आम आदमी पार्टी सरकार बनवाइए। गायों की सेवा और गौशालाओं के लिए हम सरकार का खजाना खोल देंगे। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी के काम की चर्चा देश में ही नहीं पूरी दुनिया में है। इसके अलावा हमारे यहां दिल्ली सरकार के सहयोग से बवाना में चलने वाली एक गौशाला देश की सबसे बेहतरीन गौशाला है। बवाना की गौशाला को सबसे बेहतरीन गौशाला का अवार्ड भी मिल चुका है।